हम इंसान और प्रकृति

दोस्तों प्रकृति हमारी माँ है प्रकृति से छेड़ छानी हमे बहुत ही महगा पड़ेगा | दोस्तों हम कुछ वर्ष पहले जाते है इतिहास में | लोग उस समय बहुत ही कम बीमार पड़ता था इतना डॉक्टर और अस्तपाल आदि नहीं था जैसे हम विकाश के ओर रहा रहे है बीमरी भी उतनी आ रही है | क्यों विकाश के साथ यह विनाश क्यों | दोस्तों हमे बहुत विकाश करना चाहिए और क्यों नहीं करना चाहिए | लेकिन बहुत ही सावधानी के साथ करना चाहिए | जैसे पेड़ पौधा को नुकशान नहीं पहुचाना चाहिए | दोस्तों आज देख ही लीजिए आपको कही पर शुध्द हवा नहीं मिलेगा | अगर शुध्द हवा चाहिए तो आपको गांव सैर पर जाना पड़ेगा | अभी गांव ही है रहने लायक शहर नहीं रहा | पहले यह देखा जाता है की गर्मी में इतना गर्मी नहीं होता था | अब तो वर्ष भी उतना नहीं होता है | गर्मी के दिन में सुखार हो जाता है | दोस्तों आज बहुत जगह ऐसा है की  नदी नाला में तब्दील हो गया है | उघोग से निकलने वाला पानी नदी में जा रहा है | उघोग से निकलने वाला धुँआ हमारे वायुमंडल को अपवित्र कर रहा है | इसके जिम्मेदार कोई जानवर या पक्षी नहीं है बल्कि हम है | आज हम जगल काट कर घर आदि बना रहे है क्या जानवर को जीने का अधिकार नहीं है क्या | आज हमलोग के कारण बहुत से पक्षी दिखाई तक नहीं दे रहे है क्यों | इसका जिम्मेदार कौन है | क्या पक्षी को जीने का अधिकार नहीं है क्या | इस धरा पर सबसे ज्यादा बुद्दिमान है तो वह है इंसान इसलिए का दिमाग ऊपर है | इंसान अगर चाहे तो कुछ भी कर सकता है | लेकिन हम इंसान को सिर्फ आपने देखना है हमे तो जानवर और पक्षी दिखाई तक भी नहीं दे रहा है | दोस्तों हमे पेड़ पौधा लगाने होंगे दोस्तों हम इंडिया के ही बात करते है हमारे देश की आबादी लगभग 1 अरब 32 करोड़ है अगर सब 1 ही पेड़ लगाए तो 1 अरब 2 करोड़ पेड़ हो जाएगा | लेकिन ऐसा करेंगे तो नहीं क्यकि हमे तो सिर्फ आपने आप को देखना है | अगर दोस्तों हम प्रकृति के साथ मिलकर रहे पशु पक्षी का अच्छी तरह से देखभाल करना चाहिए | हम इंसान ही इस धरती को सुन्दर बना सकते है और केवल हम इंसान ही नहीं तो आने वाला समय बहुत ही भयानक होने वाला है ऐसा ऐसा बीमारी आने वाला जिसका हम नाम भी नहीं सुने है | अगर एक अच्छा जीवन जीना है तो हमे प्रकृति के साथ जुड़ कर रहना होगा | 


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